ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन मध्य प्रदेश की कार्यकारिणी सभा संपन्न
आष्टा।ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन मध्य प्रदेश की कार्यकारिणी सभा गीतांजलि गार्डन,आष्टा में सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के अध्यक्ष श्री संजय जैन,महासचिव श्री संतोष सराफ,कोषाध्यक्ष श्री कृष्ण मुरारी अग्रवाल व सीहोर, देवास ,खण्डवा,रतलाम, विदिशा, अलीराजपुर, भोपाल,इंदौर,धार,जावरा प्रदेशभर के सभी जिलों से लगभग 60 पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे, जिससे बैठक को व्यापक प्रतिनिधित्व एवं गरिमामयी स्वरूप प्राप्त हुआ।
सभा में संस्था के कार्य क्षेत्र को और अधिक विस्तार देने, ज्वेलरी व्यापारियों के हितों से जुड़े विषयों पर प्रभावी रणनीति तैयार करने तथा वर्ष 2026 में आयोजित होने वाले वार्षिक सम्मेलन की तैयारियों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि आगामी वार्षिक सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया जाएगा।
कार्यकारिणी ने इस बात पर विशेष रूप से जोर दिया कि विगत वर्ष के कार्यक्रमों की तुलना में संगठन को तहसील स्तर तक जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए जिला एवं तहसील स्तर पर संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने, स्थानीय व्यापारियों से सीधा संवाद स्थापित करने तथा संस्था की पहुंच जमीनी स्तर तक ले जाने हेतु गंभीर और ठोस प्रयास किए जाएंगे। साथ ही संगठन की मजबूती के लिए सदस्यता अभियान को व्यापक रूप से बढ़ाने का निर्णय भी लिया गया।
बैठक में एक महत्वपूर्ण विषय पर सभी कार्यकारिणी सदस्यों ने गंभीरता से विचार किया कि प्रदेश में कुछ फर्जी संगठन “मध्य प्रदेश सराफा एसोसिएशन” के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए सर्वसम्मति एवं अनुशंसा के साथ यह निर्णय लिया गया कि भविष्य में संस्था का नाम पूर्व परंपरा अनुसार
**“ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश सराफा एसोसिएशन)”**
के रूप में अंकित किया जाएगा, ताकि किसी भी फर्जी संगठन द्वारा इस नाम के दुरुपयोग पर प्रभावी रोक लगाई जा सके और संगठन की वैधानिक पहचान स्पष्ट बनी रहे।
बैठक के दौरान सभी पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्यों को उनके दायित्वों के अनुरूप **नियुक्ति पत्र भी वितरित किए गए**, जिससे संगठनात्मक जिम्मेदारियों को स्पष्टता के साथ आगे बढ़ाया जा सके।
बैठक में नवीन कार्यकारिणी को उनके दायित्व सौंपे गए तथा अंत में यह संकल्प लिया गया कि संस्था ज्वेलरी व्यापार से जुड़े नियमों, कानूनों, जागरूकता एवं व्यापारी हितों की रक्षा के लिए आगामी वर्ष में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाएगी।
साथ ही श्री सराफा एसोसिएशन आष्टा की त्रैमासिक बैठक भी सायं 6:00 बजे गीतांजलि गार्डन, आष्टा में सफलतापूर्वक आयोजित की गई। बैठक में आष्टा से बड़ी संख्या में सराफा व्यापारी उपस्थित रहे। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में ज्वेलर्स डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश सराफा एसोसिएशन) के महासचिव श्री संतोष सराफ उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य जीएसटी कानून तथा मध्य प्रदेश साहूकारी अधिनियम 1934 के अंतर्गत उत्पन्न हो रही प्रशासनिक एवं कानूनी विसंगतियों के संबंध में व्यापारियों को स्पष्ट एवं व्यावहारिक कानून संबंधी जानकारी प्रदान करना रहा।
बैठक में महासचिव श्री संतोष सराफ द्वारा उपस्थित व्यापारियों के प्रश्नों के विस्तार से उत्तर दिए गए। विशेष रूप से आष्टा क्षेत्र में साहूकारी (गिरवी) लाइसेंस बनाए जाने के दौरान अनावश्यक एवं नियम विरुद्ध दस्तावेजों की मांग किए जाने के विषय पर उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश साहूकारी अधिनियम 1934 के अंतर्गत जो प्रारूप एवं नियम निर्धारित हैं, उसी के अनुरूप लाइसेंस जारी किए जाने का प्रावधान है
।
उन्होंने बताया कि दिनांक 20 अप्रैल 2001 को राज्य शासन द्वारा अधिनियम में संशोधन करते हुए एसडीएम, कलेक्टर एवं तहसीलदार के अधिकारों का हस्तांतरण नगर पालिका निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायत को लाइसेंस अथॉरिटी के रूप में किया गया था। नियमानुसार वर्तमान में साहूकारी लाइसेंस इन्हीं नगरीय एवं ग्रामीण निकायों द्वारा जारी किए जाने चाहिए। इसके बावजूद आष्टा नगर में नगर पालिका द्वारा लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं तथा तहसील स्तर पर व्यापारियों से ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जिनका कानून में कहीं कोई उल्लेख नहीं है।
इस गंभीर विसंगति को लेकर बैठक में यह जानकारी दी गई कि संगठन के पदाधिकारी शीघ्र ही प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग से भेंट कर इस विषय में अपना ज्ञापन भोपाल में प्रस्तुत करेंगे, ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके और कानून का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित हो।
बैठक में आष्टा संघ के अध्यक्ष गणेश सोनी,सचिव धर्मेंद्र सोनी, कोषाध्यक्ष नरेंद्र सोनी ओर लगभग 100 सराफा व्यापारी उपस्थित रहे। सभी व्यापारियों ने सक्रिय सहभागिता करते हुए अपने प्रश्नों के माध्यम से जानकारी प्राप्त की। अंत में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव रखा गया कि भविष्य में जीएसटी, साहूकारी अधिनियम एवं अन्य व्यापार से जुड़े कानूनों पर विस्तृत जानकारी हेतु शीघ्र ही एक विधिक कार्यशाला का आयोजन किया जाए।