कड़कड़ाती ठंड में भी अपनी ड्यूटी पर फर्ज निभाते जवान
कड़ाके की ठंड में भी मुस्तैद है जवान, आष्टा में पुलिस की तत्परता से टला बड़ा हादसा।
बीती रात आष्टा नगर के अलीपुर क्षेत्र में दो पक्षों के बीच हुए पथराव और मारपीट की घटना के बाद आज नगर में शांति बनी हुई है। हालांकि एहतियातन पुलिस एवं क्यूआरएफ की टीमें कड़ाके की ठंड में भी लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं, ताकि आमजन निश्चिंत होकर अपने घरों में चैन की नींद सो सकें।
आष्टा नगर में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस और क्यूआरएफ के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। कड़ाके की सर्दी में आग का सहारा लेकर ड्यूटी निभा रहे ये जवान इस बात का उदाहरण हैं कि जब शहर सोता है, तब प्रहरी जागता है।
खास बात यह है कि इनमें से एक टीम वही है, जो हरदा में लगातार 14 घंटे की ड्यूटी करने के बाद अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुकी थी। लेकिन आदेश मिलते ही बिना थके, बिना विश्राम किए, वे पुनः आष्टा के लिए रवाना हो गए और रातभर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे।
इस दौरान जवानों के सामने भोजन और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं समय पर मिल पाना भी एक बड़ी चुनौती रही, किंतु इसके बावजूद उन्होंने अपने फर्ज से कोई समझौता नहीं किया। आमजन की सुरक्षा के लिए वे पूरी निष्ठा और साहस के साथ डटे रहे।
घटना के दौरान जिस तरह का आक्रोश देखने को मिला था, उससे किसी बड़ी अप्रिय घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था। लेकिन पुलिस प्रशासन ने जिस तत्परता और सूझबूझ से स्थिति को संभाला, वह वास्तव में सराहनीय है।
जिले के पुलिस कप्तान स्वयं मौके पर मौजूद रहे और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन व त्वरित निर्णयों से हालात को बहुत जल्द नियंत्रित कर लिया गया। पुलिस टीम की एकजुटता और रणनीतिक कार्रवाई के चलते न तो किसी वर्ग को गंभीर चोट आई और न ही किसी बड़ी आर्थिक क्षति की सूचना सामने आई।
वरना ऐसे हालातों में आगजनी, लूटपाट और बड़ी हिंसा की घटनाएं सामने आना आम बात होती हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन की सजगता ने आष्टा को एक बड़े हादसे से बचा लिया।
निश्चय ही यह वही सच्चाई है, जिसे एक कहावत बयां करती है—
“करता कोई है और भरता कोई और।”
कड़ाके की ठंड में भी डटे रहकर शहर की सुरक्षा करने वाले इन जवानों और पूरे प्रशासनिक अमले को नगरवासियों की ओर से धन्यवाद, जिन्होंने अपनी सूझबूझ और कर्तव्यनिष्ठा से आष्टा में शांति व्यवस्था कायम रखी।
संजय जोशी की
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Source : संजय जोशी