आष्टा में क्रिसमस पर्व सौहार्द और सेवा भावना के साथ मनाया गया पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने साथियों सहित बधाई दी।
आष्टा नगर में ईसाई समुदाय शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में वर्षों से सक्रिय भूमिका निभाता आ रहा है। मिशनरी संस्थाओं द्वारा संचालित विद्यालयों एवं स्वास्थ्य सेवाओं ने समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया है, जिसकी नगरवासियों द्वारा सराहना की जाती है। क्रिसमस जैसे पर्व ऐसे अवसर होते हैं, जब सेवा, समर्पण और सामाजिक एकता के मूल्यों को और अधिक सशक्त किया जाता है। क्रिसमस के दौरान केक काटने, बच्चों को उपहार देने तथा आपसी मेल-मिलाप की परंपरा भी निभाई जाती है। विभिन्न समुदायों के लोगों की सहभागिता ने यह संदेश दिया कि आष्टा की सांस्कृतिक पहचान आपसी सम्मान और सौहार्द पर आधारित है।यह उद्गार पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने प्रभु ईसा मसीह की जयंती के अवसर ख्रीस्त समाज के फादर रेक्टर फ्रांसिस स्केरिया, फादर अंटोनी अकेंटा, पुष्प विद्यालय एवम चर्च के फादर मेलविन, पुष्प चिकित्सालय प्रमुख डॉ हेरिमन तथा नव अंकुर संस्था प्रमुख सिस्टर हर्षिता, डॉ रिम्सी रोज, सिस्टर आनंदा सहित मसीह समाज के भाई बंधुओ को बधाई देते हुए व्यक्त किये। नगर में ईसाई समुदाय द्वारा क्रिसमस का पर्व इस वर्ष भी हर्षोल्लास, शांति और आपसी सद्भाव के वातावरण में मनाया गया। क्रिसमस के अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी सुनील जैन प्रगति, एडवोकेट वीरेंद्र सिंह परमार, युवा अभियंता शुभम शर्मा तथा राज परमार सहित नगर के प्रबुद्ध नागरिकों एवं विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने ईसाई समाज को शुभकामनाएं दीं, जिनका समुदाय द्वारा आत्मीयता और स्नेह के साथ स्वागत किया गया। ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए क्रिसमस प्रभु यीशु मसीह के जन्म का पावन पर्व है, जो प्रेम, त्याग, करुणा और मानव सेवा का संदेश देता है। इस अवसर पर चर्च एवं सामुदायिक स्थलों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। प्रार्थना सभाओं में शांति, भाईचारे और विश्व कल्याण की कामना की गई। कैलाश परमार ने कहा कि इस प्रकार के पर्व समाज में प्रेम, शांति और सहयोग की भावना को और अधिक मजबूत करते हैं आगे उन्होंने कहा कि प्रेम और स्नेह सामाजिक धार्मिक सुदृढ़ीकरण हेतु आवश्यक तत्व है।