21 तारीख रात में आष्टा में घटित अप्रिय घटना के बाद प्रशासन ने मजबूती से अपनी जिम्मेदारी निभाई उसके बाद शहर के गणमान्य नागरिकों को भी अपने शहर के सौहाद्र प्रेम शांति सद्भाव के लिए आगे आना चाहिए प्रशासन गलत काम करने पर और ठोस करेगा पर शहर का अमन कायम करना ह
आष्टा - 21 दिसंबर की रात्रि में आष्टा में घटित अप्रिय घटना को प्रशासन ने अपनी सूझबूझ एवं सीमित संसाधन में तुरंत कंट्रोल किया जो एक तरह से बेहतरीन काम था हरपाल ठाकुर ने कहा की जब स्थानीय प्रशासन ने विपरीत परिस्थिति में स्थिति पर तुरंत नियंत्रण किया सीमित बाल होने के बावजूद इसके लिए उनको बधाई और जिस किसी ने भी गलत किया है उसके खिलाफ तो ठोस कार्रवाई होना ही चाहिए परंतु प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई पर क्या हम शहर के जिम्मेदार नागरिकों ने उतनी शिद्दत से कम लिया पिछले तीन-चार दिन से मेरे दिमाग में यह सवाल आ रहा है क्योंकि मैं बाहर सेवाग्राम गांधी आश्रम में था इसलिए प्रत्यक्ष किसी से बात नहीं कर पाया पर मुझे लगता है कि जब प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाई है तो उसके बाद शहर के गणमान्य नागरिक का करते हुए बनता है के शहर के अंदर शांति सद्भाव और प्रेम बनाने की दिशा में काम करें हरपाल ठाकुर ने सोशल मीडिया पर वीडियो के माध्यम से अपील करते हुए कहा है कि 21 दिसंबर की रात्रि में जो घटना घटित हुई वहां नहीं होना चाहिए पर उसके बाद स्थानीय प्रशासन एसडीम एसडीओपी सभी थाना के प्रभारी मिलकर जिस प्रकार तुरंत स्थिति पर नियंत्रण पाया वह एकदम शानदार था और दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होना चाहिए कोई भी व्यक्ति दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो इसके पक्ष में नहीं है बल्कि हर कोई यह चाहता है की जिन्होंने गलत किया उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए हरपाल ठाकुर ने शहर के सभी सम्मानित नागरिकों समाजसेवी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि व्यापरीगण और छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि हमें हमारे धर्म के अनुसार जिसमें कहा जाता है की वसुदेव कुटुंबकम पूरा विश्व हमारा परिवार है और हम बोलते हैं कि प्राणियों में सद्भाव हो तो फिर हम इंसान और इंसान के बीच में नफरत कैसे कर सकते हैं हरपाल ठाकुर ने आगे कहा कि हमारे परिवार के बच्चे विदेश में जाते हैं तो क्या हम तय कर सकते हैं कि उनके पड़ोस का व्यक्ति किस धर्म का होगा हमारे बच्चे इंदौर भोपाल पढ़ने जाते हैं नौकरी करने जाते हैं तो क्या हम यह तय कर सकते हैं कि हमारी क्लास में कौन होगा हमारे पड़ोस में कौन होगा बस में ट्रेन में सफर करते हैं तो क्या हम यात्रा कर सकते हैं की हमारे बगल की सीट पर कौन बैठेगा इसलिए यदि हमें हमारे परिवार को और अपने आसपास को सुरक्षित माहौल देना है तो सब जगह हमें प्रेम और स्नेह का माहौल पैदा करना पड़ेगा क्योंकि नफरत कहीं से भी शुरू होकर कहां तक पहुंचेगी यहां आपको पता भी नहीं चलेगा इसलिए मैं शहर के गणमान्य नागरिकों से समाजसेवी राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों व्यापारी गांव छात्र-छात्राओं युवा साथियों से अपील करता हूं की नफरत का रास्ता हमारे शहर का कभी रहा नहीं है प्रेम और सद्भाव हमारे आष्टा शहर की पहचान है उसे बनाए रखना हम सब की जिम्मेदारी है कुछ तथाकथित लोग इतने संवेदनशील मामलों पर भी राजनीतिक रोटियां सकते हैं तो लिए हम सब मिलकर उनको अपने मकसद में कामयाब नहीं होने दें और हमारे शहर का वातावरण अच्छा करके सभी के लिए सुरक्षित माहौल पैदा करें प्रशासन अपना काम मुस्तादी से कर रहा है अब हम सब जिम्मेदारों के जवाबदारी बनती है कि हम अपने शहर को प्यार और सद्भाव का उसका मूल स्वरूप दिलाने में आगे आए!!