भागवताचार्य मिट्ठूपुरा सरकार आष्टा का मान सम्मान है- कैलाश परमार पूर्व नपाध्यक्ष
आष्टा - श्रवण और कहन का अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है। अच्छे श्रोता सदप्रयास से अच्छे वक्ता बन जाते हैं । अच्छी सुनी गई बातों को जीवन मे उतार कर उसे जन जन तक पहुंचाने का उपक्रम श्रध्देय कुमेर सिंह मिट्ठुपुरा सरकार कर रहे हैं, हम मालवा वासियों के लिए यह गौरव और हर्ष की बात है। अगर जवान और किसान हमारे देश के शौर्य और समृद्धि की धुरी हैं तो कथा व्याख्यान हमे सद्प्रेरणा देकर धर्म की राह प्रशस्त करते हैं। इस भाव से पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने नगर में चल रही सप्त दिवसीय श्री मद भागवत कथा की व्यास पीठ पर विराजमान मिट्ठूपुरा सरकार का बहुमान किया। एक उच्चकुलीन कृषक होने के साथ ही अपनी रुचि और धर्मनिष्ठा के चलते कुमेर सिंह जी मिट्ठुपुरा ने श्री मद भागवत के जीवन सूत्रों को अपनी कथा के माध्यम से उजागर कर हम सभी श्रद्धालुओं को उपकृत किया है। श्री कुमेर सिंह मिट्ठूपुरा एक अच्छे प्रवचनकार और भगवदाचार्य है आपकी कथा प्रवचन में साधारण से साधारण व्यक्ति एवं उच्च कोटि के व्यक्तियों के हितार्थ ज्ञान वर्धक बातें सम्मिलित रहती है जो जीवन को सार्थक बनाने के लिए उपयोगी होती है। एक किसान से यहां तक कि यात्रा को मिट्ठूपुरा सरकार ने अभी तक निर्बाध रूप से जारी की हुई है आपके कार्यक्रम सादगी सरलता से सम्पन्न होते है आयोजकों को धन का भार ज्यादा नहीं आता है । मिट्ठूपुरा सरकार का स्वागत अभिनंदन कर मैं खुद को धन्य समझ रहा हूँ ऐसे आत्मीय भाव सेश्री परमार ने अंग वस्त्र और पुष्पमाला से भागवदाचार्य कुमेर सिंह का अभिनन्दन किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष राजू राठौर प्रसिद्ध भजन गायक, सह आयोजक डॉ रतन सिंह, पूर्व पार्षद भगवत सिंह मेवाड़ा का भी स्वागत पूर्व नपाध्यक्ष परमार ने किया। भागवताचार्य मिट्ठूपुरा सरकार ने व्यासपीठ से विश्व प्रसिद्ध आचार्य महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर हरिद्वार, स्वामी अवधेशानंद जी गिरी के परम शिष्य प्रभु प्रेमी संघ के संयोजक पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार का आत्मीय स्वागत किया