नगर द्वार किलेरामा में सिद्धांत सागर महाराज का ससंघ पाद प्रक्षालन व स्वागत हुआ
आष्टा - वर्षा वास की पूर्णता के बाद संतो का विहार होता है इसी क्रम में जैन तीर्थ कुंडलपुर के निकट प्रसिद्ध बेला जी तीर्थ प्रणेता श्रावकोद्धारक संत आचार्य सिद्धांत सागर जी महाराज का ससंघ मंगल विहार चल रहा है। बुधवार की सुबह पूज्य आचार्य संघ का मंगल आगमन नगर आष्टा में होने से पूर्व नगर द्वार किलेरामा में पूर्व नपाध्यक्ष तथा अनन्य संत भक्त प्रभु प्रेमी संघ के संयोजक कैलाश परमार एवं परिवार जन ने आचार्य श्री सिद्धांतसागर जी एवं संघस्थ मुनि सन्तोषसागरजी तथा एलक सहज सागर जी का पाद प्रक्षालन कर स्वागत कर मुनि संघ की अगवानी की । आचार्य सिद्धांत सागर जी महाराज ने अपने मंगल आशीष में कहा कि कर्म और कथन की एकरूपता मनुष्य को कभी विचलित नही होने देती । सादगी का अपना वैभव होता है सादगी में दिव्यता स्वमेव प्रकट हो जाती है । अपने कार्य और व्यवहार में शुचिता समर्पण और निष्ठा बनाए रखेंगे तो सामाजिक धार्मिक और सार्वजनिक जीवन मे सफलता के लिए कृत्रिम और अस्वीकार्य तरीके अपनाने की कभी जरूरत नही पड़ेगी । आचार्य श्री ने कहा कि आष्टा में पर्याप्त आस्था है इसे बनाए रखें और निबाहते भी रहें । पूज्य मुनि संघ ने कैलाश परमार ,अभिभाषक गण सुरेन्द्र सिंह परमार, वीरेंद्र सिंह परमार ,पल्लव जैन प्रगति, श्री मति राखी परमार सहित सभी परिजन एवम उपस्थित जन को आशीर्वाद दिया, इस अवसर अध्यक्ष प्रतिनिधि राय सिंह मेवाड़ा पार्षद कमलेश जैन, संजय जैन सात्विक, विनोद जैन, लक्ष्मी नारायण परमार आदि भी उपस्थित थे तत्पश्चात मुनि संघ अलीपुर स्थित चन्द्रप्रभ जैन मंदिर पहुंचा। पूर्व नपा अध्यक्ष कैलाश परमार ने कहा कि उनके पूर्वजों के अथक प्रयासों से उनका आवास इंदौर भोपाल हाइवे पर स्थित है फलस्वरूप संतो के दर्शन आशीष अल्प प्रयास से मिलते है इसी कारण जीवन की आपदाएं विपदाएं ज्यादा दुष्प्रभावी नहीं हो पाती है।